Tuesday, August 25, 2009

एक विलक्षण प्रतिभा जिनका हम सदिखन याद करैत छी (इकिसम कड़ी )

हम डॉक्टर कुरियन सs भेंट करि केबिन दिस जाइत छलहुँ रास्ता में हमरा चक्कर आबि गेल आ हम एक ठाम कुर्सी पर बैसि गेलहुँ। पॉँच दस मिनट केर बाद हम केबिन पहुँचलहुँ, बाबुजी आ इ हमरा लेल चिंतित छलैथ जे हम कतs चलि गेल छलहुँ, देखैत देरी पुछलाह "कतs गेल छलहुँ "। हम कहलियैन्ह "खून देबय लेल, दs देलियैक आ आब साँझ में अहाँके खून चढत "।


साँझ में हिनका जल्दी भोजन करवा देलियैन्ह खून चढ़ेनाइ शुरू भेलैक ओकर किछु समय बाद बाबुजी के होटल पठा देलियैन्ह आ हम हिनका बगल में बैसि गेलहुँ। कतबहु कहैथ सुति रहु हमरा कियैक नींद होयत एक तs चिंता दोसर हम जमशेदपुर में देखने रहियैन्ह जहाँ हमर ध्यान दोसर दिस देखैथ तs झट द tube के पकरि ओकर speed बढ़ा दैत छलाह जे कहुना खून चढेनाइ जल्दी खतम भs जाय। राति में इ सुति रहलाह आ हम हिनकर हाथ पकरने बैसल रहि गेलहुँ आ जखैन्ह पूरा खून चढि गेलैन्ह तs नर्स के बजा ओकर पाइप सब निकलवा ताहि केर बाद बगल वाला बिछावन पर परि रहलहुँ।


दोसर दिन भोर में डॉक्टर के आबय सs पहिने नर्स आबि जाँचक लेल हिनकर खून लs गेलैन्ह आ ओकर दोसर दिन भोर में bone marrow होमय के छलैक ।


डॉक्टर कुरियन अपन पूरा डॉक्टरक दल सँग अयलाह हुनका देखैत नहि जानि कियैक हमरा आशंका आ डर दुनु होमय लागल। हमरा मात्र एतबा बुझल छल जे रीढ़ केर हड्डी सs खून लेल जयतैन्ह जे कष्टप्रद होइत छैक। डॉक्टर सब जहिना हिनकर केबिन में घुसलथि हमरा आ बाबुजी के बाहर जेबाक लेल कहि देलैथ। हम तs एक सँग ओतेक डॉक्टर के देखि घबरायल छलहुँ। बाहर में ठाढ़ पचास तरहक मोन में आबैत छल। अचानक हिनकर कानय केर आवाज बुझायल, ओ सुनतहि हमरा कना गेल आ हमर आँखि के आगु जेना अन्हार भs गेल। हम बाबुजी के बिना किछु कहनहि जा एकटा कुर्सी पर बैसि गेलहुँ । बाबुजी के कोना अपन स्थिति केर विषय में बुझय देतियैन्ह । डॉक्टर जखैन्ह बाहर निकलाह तs हमरा कहलैथ अहाँ सब आब भीतर जाऊ । भीतर गेलहुँ तs इ कानैत छलाह आ हमरा देखैत देरी कहि उठलाह "मारि देलक "। हम वर्णन नहि करि सकैत छी जे हमरा ओहि समय में असगर केहेन बुझायल, बाबुजी छलाह मुदा हुनका सोंझा हम अपन वेदना के कोना प्रकट होमय दितियैन्ह , ओ नहि रहितथि तs हम अवश्य कानय लगितौन्ह।


दोसर दिन डॉक्टर कुरियन अपन डॉक्टरक दल सँग सबटा रिपोर्ट लs कs अयलाह , आ आबि श्री ठाकुर जी केर बगल में बैसि गेलाह। पहिने हुनक हाल चाल जे कि सब दिन पुछैत छलाह पुछलाह आ ताहि केर बाद अपन असली मुद्दा पर अयलाह। सब सs पहिल ओ हमरा सब केर कहलाह हम सबटा रिपोर्ट देखि लेने छी आ इ निष्कर्ष निकलल अछि जे अहाँक "cell malignant" अछि। ओहि समय में हम इ तs नहि बुझैत छलहुँ जे "malignancy" की होइत छैक मुदा इ बुझा गेल जे किछु ख़राब बीमारी छैक, किछु गरबर छैक। डॉक्टर कुरियन सबटा बात बताबैत कहलाह आब चूँकि इ "oncology department" केर case छैक ताहि लेल हम अहाँ के "oncology department" पठा रहल छी। oncology शब्द सुनैत केर सँग हमरा जेना सब बुझय में आबि गेल आ ओकर बाद हमरा मुँह स एक शब्द किछु नहि निकलल जे हम डॉक्टर सँ किछु पुछितियैन्ह । डॉक्टर कुरियन अपन सहायक डॉक्टर सब केर कहि कs चलि गेलाह जे अस्पताल सँ छुट्टी देबाक लेल आ "oncology" विभागक डॉक्टर सs देखबाक लेल सबटा कागज तैयार करि देबाक लेल। हम सब आपस होटल आबि गेलहुँ।


दोसर दिन हम सब होटल सs सीधा oncology department डॉक्टर प्रसाद लग पहुँचलहुँ । ओहि दिन हम आ श्री ठाकुर जी गेल छलहुँ। बाबुजी के आँखि देखेबाक छलैन्ह ओ आँखि वाला अस्पताल चलि गेल छलाह, जे एक तरह सँ नीके छलैक । डॉक्टर प्रसाद जे हमरा सोंझा में कहलथि से भगवान कोनो पत्नी के ओ दिन नहि देखाबथि जे हुनका ओ सुनय परैन्ह । डॉक्टर प्रसाद विस्तार सs बिमारी के विषय में बतेलाक बाद कहलथि जे इ बिमारी में लोक बेसी सs बेसी पन्द्रह साल जीबैत छैक। किछु आओर जाँच से कराबय लेल कहलाह मुदा ओ बाहर रहि सेहो करायल जा सकैत छलैक । हम सब आपस होटल अयलहुँ, इ त बहुत राति तक जागल रहलाह आ ओकर बाद सुति गेलाह मुदा हम तs भरि राति जागले रहि गेलहुँ। दुनु गोटे एक दोसरक स्थिति बुझैत छलियैक मुदा कथि लेल राति भरि में एको शब्द बाजि होयत । भोर में तैयार भs समय पर डॉक्टर प्रसाद लग पहुँचि गेलहुँ ।


डॉक्टर प्रसाद किछु जाँच केलाक बाद कहलैथ जरूरत परतैक तS "WBC" बदलय परतैक आ ओहि लेल एक गोट अपन आदमी के तैयार रहय पड़त जिनकर " WBC "लेल जा सकैत अछि । ओ "WBC" बदलय केर सबटा प्रक्रिया बता देलाह । हमरा एकटा फॉर्म द ब्लड बैंक जेबाक लेल कहलाह आ हिनका फेर सs भरती हेबाक लेल । हम हिनका केबिन में पहुँचा ओहि ठाम सs फेर ब्लड बैंक पहुँचि गेलहुँ । ब्लड बैंक केर डॉक्टर हमरा हाथ सँ फॉर्म लs एकटा कुर्सी पर बैसय कहलाह। किछु समय बाद आबि खून निकालि लेलैथ। हम जहिना कुर्सी पर सs उठय चाहलहुँ हमर माथ घुमि गेल आ हम धम्म सs फेर कुर्सी पर बैसि गेलहुँ । इ देखि हमर बगल में नर्स छलैथ से पकरि हमरा तुंरत बेड पर सुता देलिह । हम उठलहुँ तs डॉक्टर हमरा कहय लगलाह, "हम अहाँक खून नहि लs सकैत छी कियैक तs अहाँ जाँच समय में बेहोश भs गेलहुँ अछि। इ सुनतहि हमरा कनाइ छुटि गेल मुदा हम अपना आप के रोकि लेलहुँ आ ओहि ठाम सँ निकलि चलि देलहुं।


हमरा किछु नहि फ़ुराइत छल हम की करी हमरा संग आओर कियो नहि छलाह । हम मोन दुखी कयने चलल जाइत छलहुँ आ सोचैत छलहुँ आब की होयत। अचानक सामने में डॉक्टर कुरियन पर नजरि गेल ओ हमरा देखि हमरे तरफ आबैत छलाह। ओ हमरा पुछलाह " डॉक्टर प्रसाद की कहलाह", हम हुनका सबटा परिस्थिति बता देलियैन्ह आ इहो जे हमरा लग दोसर कियो नहि छैथ हम आब की करी। ओ तुरन्त कहलाह अहाँ घबराऊ जुनि जरूरत परतैक तs हम अपन WBC अहाँक पति के देबैन्ह । इ सुनैत देरी हम अपना आप के नहि रोकि पयलहुँ आ कानय लगलहुँ । मोन में भेल कि एहनो डॉक्टर होइत छैक? ओ वाक्य आय धरि डॉक्टर कुरियन केर क़र्ज़ हमरा लग अछि। आय धरि हम डॉक्टर कुरियन के कहल वाक्य नहि बिसरि सकलहुँ।

3 comments:

satya.... said...

anahan khub nik likhe chii

satya.... said...

mathil kee seva ke liye sukriya aapka..gramin jivan ko bhi likhen mathili me

श्यामल सुमन said...

डा० कुरियन सनक लोक एहि दुनिया मे कम अछि। संस्मरण केर पृष्ठभूमि तऽ दुखद छैक किन्तु एहेन अवदानक हेतु तैयार डा० कुरियनक व्यवहार एकर सुखद पक्ष सेहो अछि। पूर्ण भाव सँ लिखल संस्मरण नीक लागल कुसुम जी।

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