लल्लन जी केर बीमारिक किछुए दिन बाद पता चललैक जे प्रभाकर जी (हिनक मित्र श्री पशुपति जी केर सबस छोट भाई ) जे पहिनहिं सँ बीमार छलाह केर किडनी के बीमारी छैन्ह आ हुनका डॉक्टर वेल्लोर लs जेबाक लेल कहि देने रहथिन्ह । ओ सभ जखैन्ह वेल्लोर सs अयलाह तs पता चललैक जे प्रभाकर जी केर दोसर किडनी लगाबय परतैक जाहि में बहुत पाइ लगतैक । सब चिंतित छलाह मुदा लल्लन जी अपना दिस सs हुनका लोकनि के आश्वासन देलथिन्ह आ अपने बीमार रहितो एकटा नाटक लिखी कs ओकरा सँग सांस्कृतिक कार्यक्रम केर आयोजन करि ओकर टिकट सँ जे पाई जमा भेलैक ओ प्रभाकर जी केर इलाजक लेल राखि देल गेलैक ।
लल्लन जी केर बीमारिक विषय में शायद हमरा सँ बेसी वर्णन नहीं कयल होयत मुदा एतबा जरूर छैक हम आब सोचैत छियैक तs हमारा अपनहि आश्चर्य होइत अछि जे ओहि समय में भगवान पता नहि कोना ओतेक शक्ति देने रहैथ। एक तs हम हुनक बीमारिक विषय में सुनलाक बादो अपन संतुलन बनेने रही , दोसर सब दिन संग में रहितहु हम नहि हुनका आ नहि कहियो दोसर के अपन मानसिक स्थिति केर पता चलय देलियैक । मुदा हमर नींद एकदम चलि गेल, सब राति करवट बदलि कs बिताबैत छलहुँ। कैयेक राति ततेक नहि घबराहट होइत छलs जे हम उठि कs टहलय लागैत छलहुँ । ताहि पर विडम्बना जे नहि हम किनकहु सs लल्लन जी केर बीमारिक विषय में नहि कहने रहियैन्ह आ नहि कहि सकैत छलियैक ।
डॉक्टर कहनहि रहैथ हड्डी में दर्द होयतैन्ह ख़ास क राति में. हम ततेक सम्हारि कs सूती, डर होइत छल जे कहीं चोट नहि लागि जायेन्ह। भरि राति दर्द ठीके होइत छलैन्ह आ हम जौं बिसरियो जाइयैक तs हुनक दर्द से कुहरैत देखि तुरंत मोन परि जाइत छल । हमरा तs जेना आदति भs गेल छल हमेशा एक हाथ हिनक बाँह पर धs कs धीरे धीरे दबाबैत रहैत छलियैक ।
कहबी छैक "डूबते को तिनके का सहारा "। हमरा जहिना कतहु पता लागय जे कोनो नीक डॉक्टर छथि चाहे ओ होम्योपैथी हो व आयुर्वेदी हम कोसिस करी जे लल्लन जी के देखा दियैक । लल्लन जी केर बीमारी के विषय में मात्र बिनोद जी के सबटा बुझल छलैन्ह । हुनाका पता चललैंह जे कोनो होम्योपैथी डॉक्टर बनारस में छैक आ ओ कैंसर तक केर इलाज करैत छैक अपने डॉक्टर आ नीक डॉक्टर रहैत ओ बनारस गेलाह आ हिनका लेल होम्योपैथी दबाई आनलथिन । डॉक्टर कहने छलैक जे एक दम समय पर दबाई देबाक छैक आ हर तीन तीन घंटा पर दबाई देबाक छलैक । हम हर तीन घंटा पर दबाई दियैक आ राति में सेहो घड़ी में अलार्म लगा लगा कs दियैक । ओना तs हमरा नींद नहि होइत छल, मुदा कहीं नींद लागि गेल आ दबाई छूटि नहि जाय से सोचि अलार्म लगा लियैक , मुदा भगवान तहियो नहि सुनलाह। एक दिन पता नहि कोना भोरका पहर ३ बजे दबाई देबाक छल मुदा हमर आंखि लागि गेल आ अलार्म सेहो नहि बाजल । भोर में हरबरा कs उठलहुँ आ उठला पर हमरा ततेक अफ़सोस भेल भरि दिन कानैत रही गेलहुँ । नहि भरि दिन खेबाक इच्छा भेल आ नहि कोनो काज में मोन लागय । साँझ में लल्लन जी हमरा बहुत समझेलाह आ कहलाह एक बेर किछु देरी सs दबाई देला सs किछु नहि होयतैक । खैर दबाई तs जतबा डॉक्टर कहने रहैन्ह ततेक पूरा खेलाह आ ओहि दिन केर बाद कोनो दिन एको मिनट देरी सs नहि देलियैन्ह । किछु दिन बाद पता चललैक जे ओ डॉक्टर बेईमान छलैक आ ओ दबाई में steroid मिला कs बेचैत छलैक ।
एक दिन लल्लन जी केर ऑफिस में एक गोटे सँ पता चललैन्ह जे पूना में एकटा बहुत पुरान डॉक्टर छथि ओ एहि बीमारिक इलाज करैत छथि । बस हम सब पूना जएबाक अपन कार्यक्रम बना लेलहुँ । हमर बड़का बेटा पुत्तु, ओहि बेर पूना में नाम लिखेने छलाह ओ अपन सामन लेबय ले आबय वाला छलाह , तय भेलैक जे ओ आबिये रहल छथि हुनके सँग पूना जायल जेतैक ।
हमर सब केर पूना जेबाक तैयारी होइत छलैक एहि बीच में लल्लन जी केर मोन किछु बेसी ख़राब भs गेलैन्ह । जमशेदपुर केर अस्पताल में भरती भेलाह । पता चलैक जे फेर खून बहुत कम छलैन्ह , डॉक्टर खून चढेबा लेल कहलथिन्ह आ विचार विमर्श के बाद डॉक्टर के टीम के निर्णय भेलैक जे एहि बेर टाटा मेमोरिअल रेेेफर कराल जाय, कियैक तs ओहि ठाम डॉक्टर अडवानी भारत केर सब सँ नीक oncologist छलैथ । डॉक्टर सब अस्पताल सँ छोरय समय रेफर कs देलथिन्ह आ हम सब तय केलियैक जे बम्बई तक पुत्तु सँग हम सब जायब आ ओहि ठाम देखेलाक बाद पूना सेहो जायब । पुत्तु के सेहो देखि लेबैन्ह कोना रहैत छथि आ पूना वाला डॉक्टर सs सेहो देखा लेबैक। ओना तs कहल गेल छैक जाबैत साँस ताबैत आस..... मुदा वेल्लोर में डॉक्टर के हमरा सोंझा हिनकर बिमारी केर विषय में कहलाक बावजूदो हमरा एको रत्ती ई विश्वास नहीं छलs जे हिनका एहि तरहक बिमारी होयतैंह । एहेन नीक लोक के सेहो एहि तरहक बीमारी आ कष्ट लिखल छैक से हमरा विश्वास नहीं छलs । आ ताहि चलते जहिना टी एम एच केर डॉक्टर हिनका बम्बई लs जएबाक विषय में कहलैथ तs हमरा ओ सुझाव नीक लागल आ तुरन्त बम्बई अयबाक लेल तैयार भs गेल रही . मोन में होइत छल कहीं बम्बई में हिनक इलाज संभव हो। लोक सब सs पता से लागल छल जे oncology में डॉ. अडवानी के जवाब नहीं छैक । खैर , आस पर दुनिया टिकल छैक हम सब बम्बई अयलहुं आ जाहि दिन डॉक्टर अडवानी के देखाबय के लेल टाटा मेमोरिअल जाइ छलहुँ मोन में एकटा नब आशंका छल ....कखनो बुझाइत छल एहि ठाम देखेलाक बाद इ अवश्य नीक भ जेताह । कखनो सिनेमा के ओ दृश्य आँखिक सोंझाँ में आबि जायत छल जाहि में सीधा एम्बुलेंस सs अभिनेता के टी एम एच लs जायल जाइत छैक आ ओ ओहि ठाम स घर आपस नहीं आबि पाबैत छथि, कैयेक टा सिनेमा में देखने छलियैक से मोन में जेना एकटा आदंक पैसल छल ।
भरि राति हम सुति नहि पयलहुं मोन में तरह के आशंका आ विचार आबैत जायत रहल . भोर में डॉक्टर अडवानी सँ देखेबाक लेल हम, लल्लनजी आ हेम जी, हमर छोट बहिनक पतिदेव अस्पताल पहुँचि गेलहुं। पता नहि कियैक हमर मोन भीतर सँ कानैत छल मुदा बाहर सs प्रकट तs नहि होमय दैत छलियैक। किछु प्रतीक्षाक बाद हमर सबहक डॉक्टर अडवानी लग जएबाक बारी आयल आ हम सब डॉक्टर आडवाणी के कक्ष में पहुँचि गेलहुँ। सब रिपोर्ट देखलाक बाद ओहो किछु जांच केर आदेश देलाह आ रिपोर्ट लs अयबाक आदेश देलाह । ओहि दिन आ ओकर दोसर दिन सब जांच करेलाक बाद डॉक्टर अडवानी लग जयबाक छलैक । डॉक्टर अडवानी लग जाहि दिन जायत छलहुँ ओहि दिन हमर मोन आओर भारी लागैत छल एक अन्जान दुखक संकेत छल बुझि परैत अछि। पचास तरह केर आशंका सs मोन विचलित छल। खैर डॉक्टर अडवानी देखलाह मुदा ओ हिनक रिपोर्ट सs संतुष्ट नहि छलाह। हुनका हिसाबे दवाई ठीके चलैत छलैक मुदा ओहि हिसाबे ओकर प्रतिक्रया नहि छलैक वा कहि सकैत छियैक जे बिमारी में सुधार नहि छलैक, जे नीक नहि छलैक। ओ किछु आओर दवाई देलाह आ छौ मास बाद आबय के लेल कहलाह ।
खैर हम सब डॉक्टर सs देखा पूना चलि गेलहुँ आ दोसर दिन भोर में डॉक्टर केर पता लs खोजय निकललहुँ । पता जे छल ताहि पर पहुँचि तs गेलहुँ आ डॉक्टर अपनहि निकलल मुदा ओकर व्यवहार आ बात करय के ढंग तेहेन छलैक जे बुझायल जेना हम सब भिखमंगा होइ । ओ हमरा सब के एकटा पता बतेलैथ आ इ कहि भगा देलैथ जे ओहि ठाम जाऊ मरीजक इलाज ओहि ठाम होइत छैक इ हमर घर अछि । खैर हम सब खोजैत पहुँचि तs गेलहुँ, ओहि ठाम डॉक्टर बहुत समय रुकलाक बाद भेंटलथि आ इहो पता चलल जे असल में डॉक्टर ओ व्यक्ति छलाह जिनका ओहि ठाम हम सब पहिने गेल छलहुँ आ पहिने ओ घर पर देखय छलाह । इ हुनक एकटा सहायक डॉक्टर छथिन्ह । खैर लल्लन जी एकदम देखाबय लेल तैयार नहि छलाह तथापि हम हुनका मना कs देखाबय लेल तैयार केलियैंह । जखैन्ह डॉक्टर सs पुछलियैन्ह जे कतेक समय लागत तs ओ इम्हर उम्हर करैत छल आ मात्र एतबा कहलैथ बैठिये अभी समय लगेगा आ सब किछु संदेहास्पद बुझाइत छल । लल्लन जी इशारा दs हमरा अपना दिस बजेलाह आ कहलाह चलु हम एहि ठाम नहि देखायब । हम कतबहु कहलियैन्ह नहि मनलाह आ हम सब बिना देखेनहि वापस भs गेलहुँ ।
क्रमशः .............